Thursday, February 26, 2015

Self Made



पूनियांके एक खेत में उसकी माँ ने थोड़ी देर दरांती रोक के उसको जन्म दियाथा .
मजदूरों ने बारी बारी गोद में लेके , थोड़े थोड़े पैसों से कुछ शगुन दिया था
तभी से काम पे लगा हुआ है और कमाई करता है ,

भीख में अच्छे पैसे थे ,
हाथ पावों पे पट्टियाँ बांध कर माँ मंदिर के दरवाजे पे रख आती थी . बाप उठा के ले आता था .
अपने दूध के पैसे रोज़ कमा लेता था .

भीख मांग के बीडी पीना सीख लिया था
होटल पे बाहर वाले की चाय लेकर , ट्रक वालों को जाकर देना ,
पैसे दो पैसे की चोरी वहीं पे सीखी .
गिलास भी टूटे , कांच भी टूटे , तब जाकर सीखा था , साबुन और मिटटी से बर्तन कैसे मांजे जाते हैं

हाथ सफाई बाद में सीखी .
चोरी चकारी तो मामूली फ़न थे अब ,
हाथ सुपारी लेता है .
कानून के लम्बे हाथों के वोह नाखून काटता है ,
जुर्म की गन्दी गलियों में उसको दो-नालियां चलती हैं .
छोटा मोटा डान-वान कहलाता है .

Self -Made है कहता है.
भूल गया ये बनने में कितने लोगों के हाथ लगे हैं .
पूरे एक समाज के सिस्टम ने मिलकर कोशिश की थी
तब जाकर ये DON बना है

: Gulzar


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