Wednesday, July 22, 2015

मुलाज़िम

मुझको इतने से काम पे रख लो …
जब भी सीने पे झूलता लाकेट
उलटा हो जाये , तो मै हाथों से
सीधा करता रहूँ उसको

मुझको इतने से काम पे रख लो …
जब भी आवेज़ा उलझे बालों में
मुस्कुरा के बस इतना कह दो
आह चुभता है ये अलग कर दो

मुझको इतने से काम पे रख लो …
जब ग़रारे में पांव फंस जाये
या दुपट्टा किवाड़ से अटके
एक नज़र देख तो काफी है
मुझको इतने से काम पे रख लो …  ‪

#‎गुलज़ार‬
(आवेज़ा = Ear Ring )

No comments: