दोस्त बिछड़ गए
नए बना लिए
वोह भी बिछड़ गए
और नए बना लिए
इसी बिछड़ने , बनाने में
दोस्ती के मायने , न जाने कहाँ गिरा आया .
: Ashish Nigam
नए बना लिए
वोह भी बिछड़ गए
और नए बना लिए
इसी बिछड़ने , बनाने में
दोस्ती के मायने , न जाने कहाँ गिरा आया .
: Ashish Nigam
2 comments:
वाह दोस्त
शुक्रिया साहब !
Post a Comment