Friday, July 25, 2014

Score

अखबार के तीसरे पन्ने पर हर रोज़ जब देखता हूँ
मरने वालों की तस्वीरें
कुछ देर मै  ढूंढता रहता हूँ  ,
मेरी भी तस्वीर  है क्या

बेहिस  हुआ हूँ अब  ,
एहसास नहीं होता .
सांस आती है  , जाती है ,
चलती भी है , कि नहीं ..

अख़बार के पहले पन्ने पर ,
बस ऐदाद  ही गिनता हूँ
बस गिनती ही देखता हूँ

आज के दिन फिर कितने मरे 
आज का score क्या है 
बेहिस  हुआ हूँ , एहसास  ही नहीं होता .

खून देख कर , टाप  के दूर हो जाता हूँ
9 : 12  की गाड़ी पकड़नी है

मै ऐसा बेहिस  हुआ हूँ अब  …


: गुलज़ार 

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