अखबार के तीसरे पन्ने पर हर रोज़ जब देखता हूँ
मरने वालों की तस्वीरें
कुछ देर मै ढूंढता रहता हूँ ,
मेरी भी तस्वीर है क्या
बेहिस हुआ हूँ अब ,
एहसास नहीं होता .
सांस आती है , जाती है ,
चलती भी है , कि नहीं ..
अख़बार के पहले पन्ने पर ,
बस ऐदाद ही गिनता हूँ
बस गिनती ही देखता हूँ
आज के दिन फिर कितने मरे
आज का score क्या है
बेहिस हुआ हूँ , एहसास ही नहीं होता .
खून देख कर , टाप के दूर हो जाता हूँ
9 : 12 की गाड़ी पकड़नी है
मै ऐसा बेहिस हुआ हूँ अब …
: गुलज़ार
मरने वालों की तस्वीरें
कुछ देर मै ढूंढता रहता हूँ ,
मेरी भी तस्वीर है क्या
बेहिस हुआ हूँ अब ,
एहसास नहीं होता .
सांस आती है , जाती है ,
चलती भी है , कि नहीं ..
अख़बार के पहले पन्ने पर ,
बस ऐदाद ही गिनता हूँ
बस गिनती ही देखता हूँ
आज के दिन फिर कितने मरे
आज का score क्या है
बेहिस हुआ हूँ , एहसास ही नहीं होता .
खून देख कर , टाप के दूर हो जाता हूँ
9 : 12 की गाड़ी पकड़नी है
मै ऐसा बेहिस हुआ हूँ अब …
: गुलज़ार
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